महाकुंभ 2025: आस्था, संस्कृति और दिव्यता का महासंगम

महाकुंभ 2025: ‘कुम्भ’ मूल शब्द ‘कुम्भक’ (अमृत का पवित्र घड़ा) से आया है। ऋग्वेद में ‘कुम्भ’ और उससे जुड़े स्नान अनुष्ठान का उल्लेख है। इसमें इस अवधि के दौरान संगम में स्नान करने से लाभ, नकारात्मक प्रभावों के उन्मूलन तथा मन और आत्मा के कायाकल्प की बात कही गई है।

अथर्ववेद और यजुर्वेद में भी ‘कुम्भ’ के लिए प्रार्थनालिखी गई है। इसमें बताया गया है कि कैसे देवताओं और राक्षसों के बीच समुद्र मंथन से निकले अमृत के पवित्र घड़े (कुम्भ) को लेकर युद्ध हुआ। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु ने “मोहिनी” का रूप धारण कर कुम्भ को लालची राक्षसों के चंगुल से छुड़ाया था।

जब वह इसे स्वर्ग की ओर लेकर भागे तो अमृत की कुछ बूंदें चार पवित्र स्थलों पर गिरीं जिन्हें हम आज हरिद्वार, उज्जैन, नासिक और प्रयागराज के नाम से जानते हैं। इन्हीं चार स्थलों पर प्रत्येक तीन वर्ष पर बारी-बारी से कुम्भ मेले का आयोजन किया जाता है।
कुम्भ मेला दुनिया में कहीं भी होने वाला सबसे बड़ा सार्वजनिक समागम और आस्था का सामूहिक आयोजन है। लगभग 45 दिनों तक चलने वाले इस मेले में लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और रहस्यमयी सरस्वती के पवित्र संगम पर स्नान करने के लिए आते हैं। मुख्य रूप से इस समागम में तपस्वी, संत, साधु, साध्वियाँ, कल्पवासी और सभी क्षेत्रों के तीर्थयात्री शामिल होते हैं।

मुख्य स्नान पर्व – महाकुम्भ-2025

(मुख्य स्नान पर्व)- दिनांक

पौष पूर्णिमा -13.01.2025
मकर संक्रांति -14.01.2025
मौनी अमावस्या -29.01.2025

बसंत पंचमी -03.02.2025

माघी पूर्णिमा -12.02.2025

महाशिवरात्रि -26.02.2025

प्रयागराज 600 ईसा पूर्व में एक राज्य था जिसका हिस्सा वर्तमान प्रयागराज जिला था। उस राज्य को ‘वत्स’ के नाम से जाना जाता था और उसकी राजधानी ‘कौशाम्बी’ थी, जिसके अवशेष आज भी प्रयागराज के दक्षिण-पश्चिम में स्थित हैं। गौतम बुद्ध ने भी अपनी तीन यात्राओं से इस शहर को सम्मानित किया था।

इसके बाद, यह क्षेत्र मौर्य शासन के अधीन आ गया और कौशाम्बी को ‘अशोक’ के एक प्रांत का मुख्यालय बनाया गया। उनके निर्देश पर कौशाम्बी में दो अखंड स्तंभ बनाए गए जिनमें से एक को बाद में प्रयागराज में स्थानांतरित कर दिया गया।

प्रयागराज राजनीति और शिक्षा का केंद्र रहा है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय को पूरब का ऑक्सफोर्ड कहा जाता था। इस शहर ने देश को तीन प्रधानमंत्रियों सहित कई राजनीतिक हस्तियाँ दी हैं। यह शहर साहित्य और कला के साथ-साथ भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का भी केंद्र रहा है।

महाकुंभ 2025:प्रयागराज में पर्यटन स्थल

• संगम • शंकर विमान मंडपम • वेणी माधव मंदिर • संकटमोचन हनुमान मंदिर • मनकामेश्वर मंदिर • भारद्वाज आश्रम • विक्टोरिया मेमोरियल • तक्षकेश्वर नाथ मंदिर • अक्षयवट • शिवकुटी • नारायण आश्रम • पत्थर गिरजाघर • ललिता देवी मंदिर • आनंद भवन • प्रयाग संगीत समिति • इलाहाबाद विश्वविद्यालय • सार्वजनिक पुस्तकालय • गंगा पुस्तकालय • श्री अखिलेश्वर महादेव मंदिर • दशाश्वमेध मंदिर • नागवासुकी मंदिर • अलोपी देवी मंदिर • खुसरोबाग प्रिंटो पार्क • प्रयागराज किला • कल्याणी देवी

निकटवर्ती आकर्षण

• काली बाड़ी • विंध्याचल चित्रकूट • वाराणसी • अयोध्या • श्रृंगवेरपुर

महाकुंभ 2025:रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध सुविधाएं

1. वेटिंग रूम और वेटिंग हॉल।

2. स्लीपिंग पॉड्स ।

3. रिटायरिंग रूम/डॉरमेट्री।

4. एग्जीक्यूटिव लाउंज ।

5. बुजुर्गों/दिव्यांगों के लिए प्लेटफॉर्म पर आवागमन हेतु बैटरी चालित कारें।

6. व्हील चेयर।

7. रेलवे स्टेशन के बाहर सार्वजनिक परिवहन ।

8. खानपान सुविधा।

9. प्राथमिक चिकित्सा बुथ।

10. पर्यटक बूथ।

11. प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र।

12. बहुभाषी घोषणा का प्रावधान।

13. यात्री सुविधा केंद्र।

14. क्लॉक रूम।

महाकुंभ 2025:दिशावार स्टेशन

प्रयागराज शहर में 9 रेलवे स्टेशन हैं जहाँ से विभिन्न दिशाओं के यात्री मुख्य स्नान दिवसों पर अपनी दिशा के अनुसार गाड़ी पकड़ सकते हैं

उत्तर मध्य रेलवे

प्रयागराज जंक्शन (PRYJ)-

कानपुर (CNB) पं. दीन दयाल उपाध्याय (DDU) सतना (STA) झांसी (VGLJ)

नैनी जंक्शन (NYN)

सतना (STA) झांसी (VGLJ) पं. दीन दयाल उपाध्याय (DDU)

प्रयागराज छिवकी (PCOI)

सतना (STA) झांसी (VGLJ) पं. दीन दयाल उपाध्याय (DDU)

सूबेदारगंज (SFG)

कानपुर (CNB)

उत्तर रेलवे

प्रयागराज संगम (PYGS) (मुख्य स्नान दिवसों को छोड़कर)

अयोध्या (AY) जौनपुर (JNU) लखनऊ (LKO)

प्रयाग जंक्शन. (PRG)

अयोध्या (AY) जौनपुर (JNU) फाफामऊ जंक्शन. (PFM) लखनऊ (LKO)

पूर्वोत्तर रेलवे

प्रयागराज रामबाग स्टेशन (PRRB), झूसी (JI)

वाराणसी (BSB) गोरखपुर (GKP) मऊ (MAU)

मुख्य स्नान पर्वों पर प्रतिबंध

कुंभ मेले के दौरान यात्रियों की सुरक्षा और उनकी सुगम निकासी के लिए रेलवे स्टेशनों पर कुछ प्रतिबंध लगाए जाएंगे। प्रतिबंध मुख्य स्नान दिवस के एक दिन पहले से मुख्य स्नान दिवस के दो दिन बाद तक लागू रहेगा।

मुख्य स्नान पर्व दिनांक प्रतिबंध अवधि

महाकुंभ 2025:पौष पूर्णिमा 13.01.2025-

12.01.2025(00:00 hrs.) से 16.01.2025 (24:00 hrs.) तक।

मकर संक्रांति 14.01.2025

12.01.2025(00:00 hrs.) से 16.01.2025 (24:00 hrs.) तक।

मौनी अमावस्या 29.01.2025

28.01.2025(00:00 hrs.) से 31.01.2025 (24:00 hrs.) तक।

बसंत पंचमी 03.02.2025

02.02.2025(00:00 hrs.) से 05.02.2025 (24:00 hrs.) तक।

माघ पूर्णिमा महाशिवरात्री 12.02.2025

11.02.2025(00:00 hrs.) से 14.02.2025 (24:00 hrs.) 26.02.2025 तक। 25.02.2025(00:00 hrs.) से 28.02.2025 (24:00 hrs.) तक

प्रतिबंध अवधि के दौरान

प्रयागराज जंक्शन

• प्रवेश केवल सिटी साइड (प्लेटफ़ॉर्म नं.–1 की ओर) से दिया जाएगा।

• निकास केवल सिविल लाइंस साइड की ओर से दिया जाएगा।

• अनारक्षित यात्रियों कों दिशावार यात्री आश्रय के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा।

• टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर, ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।

• आरक्षित यात्रियों को सिटी साइड से गेट नंबर 5 के माध्यम से अलग से प्रवेश दिया जाएगा।

नैनी जंक्शन

• प्रवेश केवल स्टेशन रोड से दिया जाएगा।

• निकास केवल मालगोदाम की ओर (द्वितीय प्रवेश द्वार) से दिया जाएगा।

• अनारक्षित यात्रियों कों दिशावार यात्री आश्रय के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा।

• आरक्षित यात्रियों को गेट नंबर 2 से प्रवेश दिया जाएगा। टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर, ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।

प्रयागराज छिवकी स्टेशन

• प्रवेश केवल प्रयागराज-मिर्जापुर राजमार्ग को जोड़ने वाले सीओडी मार्ग से दिया जाएगा।

• निकास केवल जी ई सी नैनी रोड (प्रथम प्रवेश) की ओर से दिया जाएगा। अनारक्षित यात्रियों कों दिशावार यात्री आश्रय के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा।

• आरक्षित यात्रियों को गेट नंबर 2 से प्रवेश दिया जाएगा।

• टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर, ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।

सूबेदारगंज स्टेशन

• प्रवेश केवल झलवा (कौशाम्बी रोड) की ओर से दिया जाएगा।

• निकास केवल जी.टी. रोड की ओर दिया जाएगा। • अनारक्षित यात्रियों के लिए यात्री आश्रय की व्यवस्था रहेगी।

• आरक्षित यात्रियों को गेट नंबर 3 से प्रवेश दिया जाएगा।

• टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर, ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।

प्रयाग जंक्शन

• प्रवेश केवल चैथम लाइन (प्लेटफ़ॉर्म नं.-1 की ओर) से दिया जाएगा।

• निकास केवल रामप्रिया रोड (प्लेटफ़ॉर्म नं.- 4) की ओर से होगा।

• अनारक्षित यात्रियों कों दिशावार यात्री आश्रय के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा।

• टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर, ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।

फाफामऊ जंक्शन

• प्रवेश केवल द्वितीय प्रवेश द्वार (प्लेटफ़ॉर्म नं.-4) की ओर से दिया जाएगा।

• निकास केवल फाफामऊ बाजार (प्लेटफ़ॉर्म नं.-1) की ओर दिया जाएगा।

• अनारक्षित यात्रियों कों दिशावार यात्री आश्रय के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा।

• टिकट व्यवस्था यात्री आश्रय में अनारक्षित टिकट काउंटर. ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में।

• आरक्षित यात्रियों को साहसों रोड स्थित द्वितीय प्रवेश मार्ग से ही प्रवेश दिया जाएगा।

प्रयागराज रामबाग स्टेशन

• प्रवेश केवल हनुमान मंदिर चौराहा की ओर से मुख्य प्रवेश द्वार से दिया जाएगा।

• निकास केवल लाउदर रोड की ओर दिया जाएगा।

• टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर, ए.टी.वी. एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।

झुंसी स्टेशन

• प्रवेश और निकास की सुविधा स्टेशन के दोनों ओर से दी जाएगी।

• टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर, ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।

नोटः– प्रयागराज संगम स्टेशन मुख्य स्नान दिवसों पर (मुख्य स्नान दिवस के एक दिन पहले से दो दिन बाद तक) बंद रहेगा।

स्टेशनों पर यात्री आश्रयों की कलर कोर्डिंग (उत्तर मध्य रेलवे)

स्टेशनों पर यात्री आश्रयों की कलर कोर्डिंग (उत्तर मध्य रेलवे) स्टेशन गेट नं. यात्री आश्रय नं. कलर कोडिंग दिशा (की ओर)

प्रयागराज जंक्शन

महाकुंभ 2025:गेट संख्या यात्री आश्रय संख्या रंग दिशा

1 1 लाल लखनऊ वाराणसी

2 2 नीला DDU

3 3 पीला मानिकपुर सतना झांसी

4 4 हरा कानपुर

5 आरक्षित यात्रियों के लिए सभी दिशाएं

नैनी जंक्शन

गेट संख्या यात्री आश्रय संख्या। रंग दिश

1 1 हरा कानपुर

1 2 नीला मानिकपुर झांसी

1 3 लाल मानिकपुर सतना

2 आरक्षित यात्रियों के लिए सभी दिशाएं

3 4B पीला डीडीयू

4 4A पीला डीडीयू

प्रयागराज छिवकी स्टेशन

1 ए 2 लाल मानिकपुर सतना झांसी

1 बी 1 हरा डीडीयू

2 आरक्षित यात्रियों के लिए सभीदिशाएं

सुबेदारगंज

कानपुर 3 आरक्षित यात्रियों के लिए सभी दिशाएँ

महाकुंभ 2025:ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण बिंदु

• महाकुंभ 2025:जेबकतरों से सावधान रहें।

• अपने सामान का ध्यान रखें। किसी अनजान व्यक्ति द्वारा दी गई कोई भी चीज न खाएँ। अपने आस-पास नज़र रखें और अगर आपको अपने आस-पास कोई लावारिस वस्तु पड़ी दिखे तो ऑनबोर्ड स्टाफ़, सुरक्षा कर्मचारियों और स्वयंसेवकों को सूचित करें।

• महाकुंभ 2025:अधिकृत काउंटर / कर्मियों से ही टिकट खरीदें।

• घबराएँ नहीं।

• कतार में चलें और अपने आगे के लोगों को धक्का देने से बचें।

• रेलवे स्टेशनों पर तैनात सुरक्षा/टिकट जाँच कर्मचारियों और स्वयंसेवकों के मार्गदर्शन का पालन करें।

• प्लेटफ़ॉर्म और एफ़ओबी पर न बैठें, उन्हें आवाजाही के लिए खुला रखें।

• रसोई गैस सिलेंडर, केरोसिन, केरोसिन स्टोव, पुवाल आदि जैसी ज्वलनशील सामग्री न रखें। गाड़ी के अन्दर एवं स्टेशनों परिसर में न थूकें और न ही कूड़ा फैलाएं।

• ट्रेन और स्टेशन परिसर में धूम्रपान न करें।

• टिकट-जाँच कर्मचारियों द्वारा मांगे जाने पर अपना टिकट दिखाएँ। ट्रेन की छत अथवा पांवदान पर यात्रा न करें।

नोट– महाकुंभ 2025 में भारत के विभिन्न स्थानों से आने और जाने के लिए रेलगाड़ियों की सूची अगले ब्लॉग में दी जाएगी।

महाकुम्भ रेलवे टोल फ्री नंबर 1800 4199 139

3 thoughts on “महाकुंभ 2025: आस्था, संस्कृति और दिव्यता का महासंगम”

  1. बहुत अच्छी जानकारी है जो आपके द्वारा दी गई
    धन्यवाद !

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